Dushyant Kumar Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps September 25, 2022 हो गई है पीर पर्वत - सी पिघलनी चाहिए , इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए । हर सड़क पर , हर गली में , हर नगर , हर गाँव में , हाथ लहराते हुए , हर लाश चलनी चाहिए । आज यह दीवार , पर्दों की तरह हिलने लगी , शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए । सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए ।मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही , हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए । Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
30/03/2022 March 29, 2022 Vikrant friend Babi Shailesh Join. Teacher Date /30-03-2022 Happy Read more
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